सीएम धामी ने गुरू पूर्णिमा के अवसर पर ‘विजय’ छात्रवृति योजना का किया शुभारम्भ

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून के बिधौली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में यूपीईएस द्वारा शुरू की गई ‘विजय’ छात्रवृति योजना का शुभारम्भ किया।

योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए ‘ज्योति छात्रवृति’ व खेलों को बढ़ावा देना है I इसके अलावा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए यूपीईएस द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन, संरक्षण और अध्ययन करना भी हैI ‘सेंटर फॉर कल्चर एंड आर्ट एवं भारतीय पुरातन ज्ञान को नई पीढ़ी से जोड़ने के उद्देश्य से ‘सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज’ की स्थापना की गई हैI

इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के आने से केवल उनमें पढ़ने वाले छात्रों का जीवन ही नहीं संवरता, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी अनेक बदलाव आते हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों के आजीविका के संसाधन भी बढ़ते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमान्त क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यूपीईएस द्वारा क्या योगदान दिया जा सकता है, इस दिशा में विश्वविद्यालय को ध्यान देना होगा। यूपीईएस द्वारा होनहार गरीबों एवं प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए छात्रवृति की शुरूआत की गई है वह सराहनीय प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए सबको कर्मयोगी बनकर कार्य करने होगा। आज दुनिया में भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में कोविड वैक्सीनेशन का महाअभियान चलाया गया। भारत में 192 करोड़ से अधिक कोविड टीकाकरण हुए, जबकि भारत ने 20 करोड़ वैक्सीन अन्य देशों को भी दी। शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने के देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाई गई है। उत्तराखण्ड राज्य में बाल वाटिका से इसका शुभारंभ हो चुका है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं भी दी।

मुख्यमंत्री के साथ विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, यूपीईएस के कुलपति डॉ. सुनील राय, प्रति कुलपति डॉ. राम शर्मा, कुलसचिव मनीष मदान, डॉ. वी.के. सिंह, डॉ. गुरविन्दर विर्क, डॉ. नलिन मेहता एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।

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