मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 व्यक्तियों व संस्थाओं को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से किया सम्मानित

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में की जा रही बेस्ट प्रेक्टिसेज को दस्तावेज के रूप में संकलित कर राज्य स्थापना दिवस पर जारी किया जाएगा। इन बेस्ट प्रेक्टिसेज को राज्य सरकार के स्तर पर भी क्रियान्वित किया जाएगा। एक स्थानीय होटल में आयेजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 27 व्यक्तियों और संस्थाओं को सतत विकास लक्ष्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सराहनीय काम करने के लिये एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मनित किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड को साकार करने के लिये जनसहयोग आवश्यक है। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। ये सभी राज्य के विकास के ब्राण्ड एम्बेसेडर हैं।  उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। 

कहा कि उत्तराखण्ड में इकोलॉजी और इकोनोमी में संतुलन बनाते हुए काम करना है। पर्यावरण और विकास दोनों ही जरूरी हैं। पिछले वर्षों में राज्य में सतत विकास लक्ष्य में बेहतर काम किया गया है। एसडीजी इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड दसवें से चौथे स्थान पर आ गया है। 

मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि वे स्वयं समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर प्रेरित होते हैं। इससे ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सूखते जलस्त्रोतों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जलस्त्रोतों के रिचार्ज पर चल रहे काम को तेजी से आगे बढ़ाना है। इसी तरह से उत्तराखण्ड की कला को भी प्रचारित किये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं विशिष्ट व्यक्तियों को ऐंपण कलाकृति भेंट करते हैं। 
सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. मनोज कुमार पंत ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य के तहत विभिन्न क्षेत्रो में नवाचार और सराहनीय काम करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड देने के लिये पूर्व मुख्य सचिव एन रविशंकर की अध्यक्षता में ज्यूरी का गठन किया गया था। कुल 176 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनके काम का भौमिक सत्यापन करते हुए ज्यूरी द्वारा 27 व्यक्तियों और संस्थाओं का एसडीजी गोलकीपर अवार्ड के लिये चयन किया गया था। 

एस०डी०जी० शून्य गरीबी के तहत कपिल तलवार, जनपद ऊधम सिंह नगर व हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर देहरादून, एस०डी०जी० शून्य भुखमरी के तहत बची सिंह बिष्ट, नैनीताल व हितैषी-हिमालयन पर्यावरण, जलस्त्रोत एवं पर्वतीय शिक्षा संस्था, बागेश्वर, एस०डी०जी० उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली के तहत सेवा इंटरनेशनल कर्णप्रयाग, चमोली, व उत्तराखण्ड एसोशियेसन फॉर पॉजिटिव पिपल लिविंग विद एचआईवी/एड्स देहरादून, एस०डी०जी० गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत संयुक्त रूप से चन्दन सिंह घुग्त्याल, देहरादून, जोगिंदर रोहिला देहरादून, व आसरा ट्रस्ट, देहरादून, एस०डी०जी० लैंगिक समानता के तहत, इंदिरा अधिकारी, अल्मोडा व हिमगिरी नैचुरल प्रोडक्टस को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अल्मोड़ा, एस०डी०जी० साफ पानी एवं स्वच्छता के तहत हिम्मोथान सोसाइटी, देहरादून, पेन हिमालयन ग्रासरूट डेव्लेपमैंट फाउंडेशन, अल्मोड़ा, एस०डी०जी० साफ और स्वच्छ ऊर्जाके तहत के. बी. सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, ऊधम सिंह नगर, एस०डी०जी० आर्थिक वृद्धि के तहत संयुक्त रूप से कैलाश पुष्पवान  रूद्रप्रयाग, नमिता तिवारी, अल्मोड़ा व पर्वतीय चाय उत्पादन स्वायत सहकारिता (बेरीनाग चाय), बेरीनाग, पिथौरागढ, एस०डी०जी० उद्योग और नवाचार के तहत, मनमोहन भारद्वाज, हरिद्वार, एस०डी०जी० असमानताओं में कमी के तहत, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, नैनीताल, एस०डी०जी० उपभोग और उत्पादन के तहत वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी, देहरादून, एस०डी०जी० जलवायु परिवर्तन के तहत अमित कुमार जैन, काशीपुर, ऊधमसिंह नगर, एस०डी०जी० 15 भूमि पर जीवन के तहत दिनेश गुरुरानी, पिथौरागढ, एस०डी०जी० शांति और न्याय, संतोष कुमार मासीवाल, अल्मोड़ा व  रूरल इन्व्यारमेन्टल एण्ड एजूकेशनल डवलपमेन्ट सोसायटी चम्पावत, एस०डी०जी० लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी के तहत सोसाइटी फॉर हिमालयन इन्वायरोमैंट एण्ड जिओलॉजी पिथौरागढ, व द उम्मीद नेटवर्क, रूद्रप्रयाग और यंग एचीवर के तौर पर सिद्धार्थ माधव को एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर उत्तराखण्ड एसडीजी इन्डेक्स कम्पेडियम और एक विशेष सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की गई।

कार्यक्रम में सचिव नियोजन रणजीत सिन्हा, यूएनडीपी के नीति विशेषज्ञ जयमॉन उत्थुप सहित नियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

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