-वर्चुवल रूप से आयोजित इस आयोजन को बताया राज्य के गरीब मेधावी बच्चों के लिये उपयोगी
-हिमालयन सुपर 30 के अंतर्गत गरीब बच्चों को निःशुल्क दी जायेगी आई.आई.टी की कोचिंग
-ग्यारहवीं, बारहवीं तथा बारहवीं पास कुल 90 बच्चों को दी जायेगी कोचिंग
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में देवभूमि हिमालयन सुपर 30 ट्रस्ट की वेबसाइट https://www.himalayansuper30.in/ का वर्चुवली लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट के इस प्रयास को राज्य के मेधावी गरीब बच्चों के व्यापक हित में बताया।
इस मौके पर सीएम ने कहा कि शिक्षा का व्यक्ति के विकास में अमूल्य योगदान है। हमारे नौनिहाल हर क्षेत्र में आगे आयें, दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को दिखायें इसके लिये तकनीकि दक्षता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में विकल्प रहित संकल्प लेना होगा।
कहा कि सुपर 30 के प्रयास सुपर 300 हो इसकी वे कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे साधनहीन गरीब नौनिहालों को सुपर 30 के माध्यम से आवास, भोजन, कोचिंग आदि की निःशुल्क व्यवस्था कर उन्हें आई.आई.टी के लिये तैयार करने का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। इससे हमारे छात्रों को उनकी सफलता की मंजिल तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य की भौगोलिक विषमताओं व समस्याओं के बाद भी लोग आगे बढ़ें हैं, इससे उन्हें और प्रेरणा तथा सहयोग मिलेगा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं डॉ अब्दुल कलाम जैसे महानुभाव साधारण परिवेश में पलने के बाद असाधारण मानव बने।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि मनुष्य क्षमताओं का भण्डार है, हमें अपने आपको जानने तथा उत्साहित रहने की जरूरत है। उत्साह से ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में छात्रों को शिक्षा का बेहतर वातावरण एवं सुविधायें देने का प्रयास किया गया है ताकि हमारे युवा योग्य एवं प्रतिभावान बनें।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केन्द्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, हिमालय सुपर 30 के प्रेरक राज भट्ट, पेस आई.आई.टी के चेयरमैन प्रवीण त्यागी आदि ने वर्चुवली अपने विचार व्यक्त किये। सभी ने इस प्रयास को राज्य के छात्रों के हित में बताया।
सचिव शिक्षा राधिका झा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए हिमालयन सुपर 30 के प्रयासों को राज्य में सफलता से संचालित करने में सहयोग का आश्वासन दिया।