देहरादून: गबन के मामले में जेल में बंद पूर्व एआरटीओ आनंद जायसवाल के खिलाफ विजिलेंस ने चार्जशीट तैयार कर ली है। इस क्रम में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई सतर्कता समिति की बैठक में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने की अनुमति मिल गई है। हालांकि, अभी लिखित अनुमति विजिलेंस के पास नहीं पहुंची है।
एआरटीओ पर करीब 29 लाख रुपये के गबन का आरोप है। विजिलेंस ने मामले की प्राथमिक जांच के बाद 18 मार्च 2017 को धोखाधड़ी, गबन, भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया था। करीब छह घंटे पूछताछ के बाद छह सितंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। विजिलेंस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, धोखाधड़ी और गबन के आरोप में चार्जशीट तैयार की है।
पद का किया गलत इस्तेमाल
आनंद जायसवाल वर्ष 2009 के बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। उनपर आरोप है कि परिवहन विभाग में नियुक्ति मिलते ही उन्होंने पद का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2010 से 2015 के बीच ऋषिकेश में परिवहन कर अधिकारी के साथ एआरटीओ का अतिरिक्त प्रभार संभाला। दोहरी जिम्मेदारी का लाभ उठाते हुए उन्होंने चालान की अधिक राशि वसूली और पूरा राजस्व सरकार को नहीं दिया। एक-एक हजार रुपये के चालान कर कोष में महज 100-100 रुपये दिखाए। उन्होंने कुल 29 लाख रुपये का गबन किया था।