BJP Year-End Analysis 2025: दिल्ली–बिहार में सत्ता की वापसी, युवा नेतृत्व का उदय; 2026 में भाजपा के सामने कड़ी चुनौतियां

साल 2025 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए राजनीतिक उपलब्धियों और बड़े संगठनात्मक बदलावों का वर्ष साबित हुआ। दिल्ली और बिहार में शानदार चुनावी जीत के साथ पार्टी ने जहां अपनी चुनावी क्षमता का प्रदर्शन किया, वहीं युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाकर भविष्य की रणनीति का भी स्पष्ट संकेत दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2025 को मजबूती से समाप्त किया है, लेकिन 2026 में पार्टी के सामने कई राज्यों में सत्ता बचाने और नए क्षेत्रों में विस्तार की बड़ी चुनौती होगी।

दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी

5 फरवरी 2025 को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए ऐतिहासिक रहे। पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटों पर जीत दर्ज कर 27 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद भी चुनाव हार गए। इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव की बड़ी सफलता के रूप में देखा गया।

बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत

नवंबर 2025 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन के नेतृत्व वाले एनडीए ने रिकॉर्ड बहुमत हासिल किया। 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 202 सीटें मिलीं। भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि जदयू को 85 सीटों पर जीत मिली। चुनावी हार के बाद राजद में पारिवारिक और राजनीतिक विवाद खुलकर सामने आए, जिससे विपक्ष की स्थिति और कमजोर हो गई।

नितिन नवीन: भाजपा में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत

साल के अंत में भाजपा ने 45 वर्षीय युवा नेता नितिन नवीन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सियासी हलकों को चौंका दिया। 14 दिसंबर 2025 को नियुक्ति की घोषणा के बाद 15 दिसंबर को उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पदभार संभाला। पद ग्रहण करने के तुरंत बाद उनका चुनावी राज्य पुडुचेरी दौरा यह संकेत देता है कि भाजपा अब आक्रामक और निरंतर चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ेगी। इसे संगठन में पीढ़ीगत बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है।

वक्फ संशोधन कानून: वैचारिक बढ़त

केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार ने अप्रैल 2025 में वक्फ संशोधन विधेयक को संसद से पारित कर 8 अप्रैल से लागू किया। पार्टी इसे ‘एक देश, एक सिद्धांत’ की सोच के अनुरूप बड़ी वैचारिक जीत मान रही है। इससे पहले तीन तलाक कानून और लव जिहाद पर सख्त रुख भी भाजपा की नीतिगत प्राथमिकताओं में शामिल रहे हैं।

उपराष्ट्रपति पद पर बड़ा घटनाक्रम

21 जुलाई 2025 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दिए गए इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया। 9 सितंबर 2025 को हुए चुनाव में वे निर्वाचित घोषित किए गए।

प्रधानमंत्री मोदी के नाम नया रिकॉर्ड

25 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 4078 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रहकर देश के इतिहास में दूसरा स्थान हासिल किया। इस मामले में उनसे आगे केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया।

2026: भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा

अब भाजपा की नजर 2026 पर टिकी है। पार्टी के सामने असम और पुडुचेरी में अपनी सरकार बचाने की चुनौती होगी। इसके साथ ही केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बड़ी परीक्षा साबित होंगे। इन राज्यों में भाजपा की राजनीतिक जमीन अब तक सीमित रही है, हालांकि हालिया केरल निकाय चुनावों के नतीजों से पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा है। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता इस बार सत्ता परिवर्तन को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं।

कुल मिलाकर, 2025 भाजपा के लिए उपलब्धियों, रिकॉर्ड और संगठनात्मक बदलावों का साल रहा, जबकि 2026 पार्टी के लिए अपनी राजनीतिक ताकत को बनाए रखने और नए मोर्चों पर सफलता हासिल करने की निर्णायक कसौटी साबित होने वाला है।

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