अल्मोड़ा: सोमेश्वर में बिना काम हुए निकाली सरकारी रकम, बीडीओ ताकुला व एई समेत चार अधिकारियों पर गबन का मुकदमा

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर क्षेत्र में सरकारी योजनाओं में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। दो गांवों में बिना सड़क और शौचालय का निर्माण कराए फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी धन का भुगतान कराने के आरोप में बीडीओ ताकुला, सहायक अभियंता समेत चार अधिकारियों के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई सीजेएम अल्मोड़ा की अदालत के आदेश के बाद की गई है।

मामले में शिकायतकर्ता ग्राम तीताकोट के तत्कालीन प्रधान सुधीर कुमार हैं। उन्होंने अपने परिवाद में बताया कि वर्ष 2018 में उनके कार्यकाल के दौरान ग्राम पंचायत में सीसी सड़क निर्माण के नाम पर 60 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया, जबकि न तो कोई कार्यादेश जारी हुआ और न ही मौके पर कोई निर्माण कार्य कराया गया। आरोप है कि यह भुगतान बिना प्रधान की जानकारी के किया गया।

शिकायत के अनुसार बीडीओ ताकुला और बीडीओ कार्यालय से संबंधित ऊधमसिंह नगर के लघु सिंचाई विभाग में तैनात सहायक अभियंता ने फर्जी तरीके से भुगतान हासिल किया। इसके लिए सहायक समाज कल्याण अधिकारी द्वारा एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कार्य को पूर्ण दर्शाया गया। इतना ही नहीं, कथित रूप से किए गए कार्य को ग्राम पंचायत की परिसंपत्ति रजिस्टर में भी दर्ज करा दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में तत्कालीन प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर और ग्राम पंचायत की मोहर का इस्तेमाल किया गया।

इसी प्रकार का मामला ग्राम शैल से भी सामने आया है, जहां बिना शौचालय निर्माण के 50 हजार रुपये का भुगतान कर लिया गया। इस मामले में भी तत्कालीन ग्राम प्रधान शेरराम के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर के दुरुपयोग का आरोप है। शिकायतकर्ताओं ने इस संबंध में एसपी अल्मोड़ा, कुमाऊं आयुक्त और सूचना आयुक्त को भी शिकायतें भेजीं, लेकिन लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रशासनिक स्तर पर सुनवाई न होने के बाद अंततः सीजेएम अल्मोड़ा की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए सोमेश्वर कोतवाली को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद बीडीओ ताकुला किशन राम वर्मा, सहायक अभियंता जीवन चंद्र जोशी (वर्तमान तैनाती लघु सिंचाई विभाग, ऊधमसिंह नगर), तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसएस चौडिया (वर्तमान तैनाती विकासखंड कपकोट, बागेश्वर) और सहायक समाज कल्याण अधिकारी रविंद्र कोहली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

चारों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि संबंधित दस्तावेजों, भुगतान रिकॉर्ड और पंचायत अभिलेखों की गहन जांच की जा रही है। मामले ने ग्रामीण विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार और निगरानी व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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