भारतीय तटरक्षक बल को मिली बड़ी मजबूती: पहला स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रताप’ बेड़े में शामिल

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक अहम उपलब्धि हासिल करते हुए अपने पहले स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रताप’ को औपचारिक रूप से बेड़े में शामिल कर लिया है। इस पोत के शामिल होने से समुद्री प्रदूषण से निपटने, कानून प्रवर्तन, खोज एवं बचाव अभियानों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा में तटरक्षक बल की क्षमताएं और अधिक सुदृढ़ होंगी।

मंगलवार को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में आयोजित एक आधिकारिक समारोह के दौरान इस पोत को भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा गया। कार्यक्रम में तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के प्रतिनिधि मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि ‘समुद्र प्रताप’ का बेड़े में शामिल होना समुद्री प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में भारत की तैयारियों को नई दिशा देगा और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार, ‘समुद्र प्रताप’ को 02 पीसीवी परियोजना के तहत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह तटरक्षक बल का पहला ऐसा प्रदूषण नियंत्रण पोत है, जिसे देश में ही विकसित किया गया है। इसकी तैनाती से समुद्री प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करने, समुद्री कानून व्यवस्था बनाए रखने और आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

तकनीकी दृष्टि से यह पोत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें 30 मिमी की सीआरएन-91 गन, 12.7 मिमी की दो स्थिर रिमोट कंट्रोल गन (फायर कंट्रोल सिस्टम के साथ), स्वदेशी इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम, शाफ्ट जनरेटर, सी बोट डेविट, पीआर बोट डेविट और उच्च क्षमता वाला बाहरी अग्निशमन सिस्टम शामिल हैं।

इसके अलावा, ‘समुद्र प्रताप’ तटरक्षक बल के बेड़े का पहला प्रदूषण नियंत्रण पोत है, जिसमें रिट्रैक्टेबल स्टर्न थ्रस्टर, डायनामिक पोजिशनिंग सिस्टम (डीपी-1) और फ्लश टाइप साइड स्वीपिंग आर्म्स लगाए गए हैं। पोत में ऑयल फिंगरप्रिंटिंग मशीन, जाइरो-स्टेबलाइज्ड स्टैंडऑफ एक्टिव केमिकल डिटेक्टर और अन्य आधुनिक उपकरण भी मौजूद हैं, जो समुद्र में तेल रिसाव और रासायनिक प्रदूषण की पहचान और नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएंगे।

तटरक्षक बल ने बताया कि इस पोत के निर्माण में 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है। अधिकारियों का कहना है कि ‘समुद्र प्रताप’ की आधुनिक क्षमताएं हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री प्रदूषण से निपटने और समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा को नई मजबूती प्रदान करेंगी।

कुल मिलाकर, ‘समुद्र प्रताप’ का बेड़े में शामिल होना भारतीय तटरक्षक बल की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ देश की समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी रक्षा उत्पादन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

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