नई दिल्ली।
अमेरिका जाने की योजना बना रहे भारतीय पेशेवरों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। भारत में एच-1बी वीजा के बड़ी संख्या में पहले से तय अपॉइंटमेंट अचानक रद्द कर दिए गए हैं। अमेरिकी सरकार द्वारा वीजा नियमों में की गई सख्ती और सोशल मीडिया अकाउंट्स की अतिरिक्त जांच के कारण यह फैसला लिया गया है। इसके चलते हजारों वीजा आवेदकों को अब इंटरव्यू के लिए कई महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर महीने में जिन एच-1बी वीजा इंटरव्यू की तारीखें तय थीं, उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दिया गया। कई आवेदकों को नई तारीखें काफी आगे की दी गई हैं। कुछ मामलों में तो इंटरव्यू अक्टूबर 2026 तक शेड्यूल कर दिए गए हैं। इससे खासकर आईटी, इंजीनियरिंग और टेक सेक्टर में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
सोशल मीडिया जांच बनी मुख्य वजह
अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में वीजा प्रक्रिया को और सख्त करते हुए आवेदकों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच अनिवार्य कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा और पृष्ठभूमि सत्यापन को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, इसी अतिरिक्त जांच के कारण वीजा प्रक्रिया धीमी हो गई है और बड़ी संख्या में अपॉइंटमेंट्स को रद्द या री-शेड्यूल किया जा रहा है।
अमेरिकी दूतावास की सख्त एडवाइजरी
भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने वीजा आवेदकों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दूतावास ने कहा है कि जिन आवेदकों को ईमेल के जरिए अपॉइंटमेंट री-शेड्यूल होने की सूचना मिली है, वे अपनी पुरानी इंटरव्यू तारीख पर दूतावास न आएं।
दूतावास ने चेतावनी दी है कि नई तारीख मिलने के बावजूद अगर कोई आवेदक पुराने शेड्यूल पर इंटरव्यू के लिए पहुंचता है, तो उसे दूतावास में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नौकरीपेशा भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन भारतीयों पर पड़ा है, जो अमेरिका में काम कर रहे हैं और छुट्टियों या निजी कारणों से भारत आए हुए थे। वीजा अपॉइंटमेंट रद्द होने के कारण अब वे नया वीजा जारी होने तक अमेरिका वापस नहीं लौट पाएंगे। इससे उनकी नौकरी, आय और करियर योजनाओं पर सीधा असर पड़ रहा है।
कंपनियों और नियोक्ताओं की बढ़ी मुश्किलें
इमिग्रेशन विशेषज्ञों और अमेरिकी वकीलों ने बड़े पैमाने पर एच-1बी वीजा अपॉइंटमेंट रद्द करने के फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि इससे अमेरिकी कंपनियों और नियोक्ताओं के सामने कुशल विदेशी कर्मचारियों की कमी की समस्या खड़ी हो सकती है।
एच-1बी के अलावा अन्य वीजा श्रेणियों के आवेदन भी इस सख्ती की वजह से अटक गए हैं, जिससे स्थिति और जटिल होती जा रही है।
कुल मिलाकर, अमेरिकी वीजा नीति में आई इस सख्ती ने भारत में हजारों एच-1बी वीजा आवेदकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और आने वाले समय में वीजा प्रक्रिया और लंबी होने की आशंका जताई जा रही है।