प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार, 15 दिसंबर को तीन देशों के महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे के तहत वह जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा करेंगे। ऐसे समय में हो रही यह यात्रा वैश्विक राजनीति में बढ़ती अस्थिरता के बीच भारत की कूटनीतिक सक्रियता और वैश्विक नेतृत्व को दर्शाती है। इस दौरे के जरिए भारत पश्चिम एशिया से लेकर अफ्रीका तक अपने रणनीतिक और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि जॉर्डन और इथियोपिया की यह उनकी पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है, जबकि ओमान का यह उनका दूसरा आधिकारिक दौरा होगा। 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री के भारत लौटने की संभावना है।
जॉर्डन दौरा: 75 वर्षों के रिश्तों को नई दिशा
तीन देशों के इस दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन से करेंगे। जॉर्डन के शाह किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के निमंत्रण पर पीएम मोदी 15 और 16 दिसंबर को वहां रहेंगे। यह यात्रा भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से ऐतिहासिक मानी जा रही है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के शाह के बीच उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंधों की समीक्षा की जाएगी। बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार विस्तार और पश्चिम एशिया के बदलते हालात पर विचार-विमर्श होगा।
यह दौरा भारत और जॉर्डन के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। इस दौरान दोनों देश व्यापार और निवेश बढ़ाने से जुड़े कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले सकते हैं।
भारत-जॉर्डन के आर्थिक और सामाजिक संबंध
भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 2.8 अरब डॉलर का है। हाल के वर्षों में संपर्क बढ़ाने के लिए अमान और मुंबई के बीच सीधी उड़ानें शुरू की गई हैं, जबकि नई दिल्ली के लिए सेवाओं के विस्तार की योजना भी है। जॉर्डन भारतीय नागरिकों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन में रह रहे लगभग 17,000 भारतीयों से भी संवाद करेंगे, जिनमें बड़ी संख्या कपड़ा उद्योग से जुड़ी है।
इथियोपिया दौरा: अफ्रीका में भारत की मजबूत मौजूदगी
जॉर्डन के बाद प्रधानमंत्री मोदी 16 दिसंबर को अफ्रीकी देश इथियोपिया पहुंचेंगे। यह उनका पहला इथियोपिया दौरा होगा। यहां वे प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बातचीत का मुख्य फोकस कृषि, निवेश और विकास साझेदारी जैसे क्षेत्रों पर रहेगा।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इथियोपिया अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह यात्रा दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। भारत शिक्षा, कौशल विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में इथियोपिया के साथ लंबे समय से सहयोग करता आ रहा है।
व्यापार और निवेश में भारत की अहम भूमिका
भारत इथियोपिया के शीर्ष तीन निवेशक देशों में शामिल है। भारतीय कंपनियों ने कृषि, कपड़ा, इंजीनियरिंग, उत्पादन और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों में पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। करीब 650 भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सक्रिय हैं।
वर्ष 2023-24 में भारत और इथियोपिया के बीच 57.15 करोड़ डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। भारत आने वाले समय में इथियोपिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईटी, खनन और कृषि क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर जोर देगा। प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे और संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने की संभावना है।
ओमान दौरा: FTA से खुल सकते हैं नए रास्ते
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का अंतिम पड़ाव ओमान होगा। वह 17 से 18 दिसंबर तक ओमान में रहेंगे। यह उनका ओमान का दूसरा दौरा है। भारत और ओमान के कूटनीतिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) यानी मुक्त व्यापार समझौते पर विशेष ध्यान रहेगा।
माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान भारत और ओमान के बीच FTA पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर हो सकते हैं। नवंबर 2023 से इस समझौते पर बातचीत चल रही थी, जिसे दोनों देशों की मंजूरी मिल चुकी है।
भारत-ओमान के व्यापारिक और रक्षा रिश्ते
ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.61 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
रक्षा क्षेत्र में भी भारत और ओमान के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी रक्षा साझेदार माना जाता है और यह पहला खाड़ी देश है, जिसके साथ भारत की थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों संयुक्त सैन्य अभ्यास करती हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की ओमान यात्रा के दौरान रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, खाद्य सुरक्षा और संपर्क जैसे अहम मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। संभावित FTA से भारत-ओमान संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद जताई जा रही है।