नई दिल्ली: लोकसभा में वंदे मातरम पर हुई बहस के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि यह चर्चा जनता के वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की जा रही है। प्रियंका ने कहा कि वंदे मातरम देश की आत्मा का हिस्सा है और 150 वर्षों से भारतीयों की भावनाओं में रचा-बसा है, इसलिए इस पर बहस की आवश्यकता ही नहीं थी।
वंदे मातरम— आजादी की लड़ाई का प्रतीक: प्रियंका गांधी
वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं बल्कि वह शक्ति है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में देशवासियों को एकजुट किया। उन्होंने बताया कि इस गीत ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन की नींव मजबूत की थी। उनके अनुसार, 1930 के दशक में सांप्रदायिक राजनीति के उदय के बाद ही इसे विवादों में घसीटा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव को देखते हुए सदन में यह चर्चा लाई गई, जबकि देश की जनता बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक संकट से जूझ रही है।
“हम देश के लिए खड़े हैं, आप चुनाव के लिए”— सत्ता पक्ष पर हमला
प्रियंका गांधी ने 1937 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच हुए पत्राचार का उल्लेख करते हुए कहा कि इतिहास को अधूरा प्रस्तुत करना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात में उन तथ्यों का जिक्र नहीं किया जो इस गीत से जुड़े महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संदर्भों को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा—
“हम देश के लिए चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन आप सिर्फ चुनावी बहस के लिए यहां आते हैं।”
“मोदी जितने साल पीएम रहे, नेहरू उतने साल जेल में रहे”— प्रियंका गांधी का तीखा बयान
सदन में अपने संबोधन के दौरान प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री 12 साल से सत्ता में हैं, लेकिन पंडित नेहरू ने 12 साल देश की आजादी के लिए जेल में बिताए थे।”
उन्होंने कहा कि नेहरू 12 वर्षों की जेल के बाद 17 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और राष्ट्र निर्माण की नींव डाली। उन्होंने भाजपा पर इतिहास को बार-बार तोड़ने और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
वंदे मातरम का इतिहास प्रियंका ने सदन में रखा
प्रियंका गांधी ने कहा कि:
- रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 में कांग्रेस अधिवेशन में यह गीत गाया
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने दो छंद लिखे
- 1882 में ‘आनंदमठ’ में इसके चार और छंद जोड़े गए
- 1905 में यह ब्रिटिश विरोधी आंदोलन का आह्वान बन गया
उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए इस ऐतिहासिक गीत को विवादों में लाना गलत है।
“आज के पीएम पहले जैसे नहीं रहे”— प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि सत्ता पक्ष के कई सांसद भी मौजूदा दिशा से सहमत नहीं हैं, लेकिन खुलकर बोलने से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं बढ़ रही हैं—
महंगाई, बेरोजगारी, प्रदूषण और आर्थिक बोझ,
लेकिन सरकार इतिहास के मुद्दों में जनता का ध्यान उलझा रही है।
“पीएम अच्छे वक्ता, लेकिन तथ्य अधूरे रखते हैं”— प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi का संसद में दिया गया भाषण प्रभावशाली जरूर था, लेकिन महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि वह सदन में “सही तथ्य” प्रस्तुत करने आई हैं, ताकि इतिहास को राजनीतिक चश्मे से न देखा जाए।
“देश कमजोर हो रहा, सरकार दिशा खो चुकी”— प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि सरकार न वर्तमान पर ध्यान दे रही है, न भविष्य पर। उनका कहना था कि आने वाले चुनावों में विपक्ष जनता के सभी मुद्दों को मजबूती से उठाएगा।