हरिद्वार में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी की हत्या का खुलासा: बेटे ने ही रची साजिश, दोस्तों से चलवाई गोली

हरिद्वार: बेटे ने ही पिता की हत्या के लिए रची घिनौनी साजिश, 30 लाख में दिया था सुपारी का सौदा; तीन गिरफ्तार

हरिद्वार में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह की हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह हत्या लिफ्ट मांगने वाले किसी अनजान हमलावर ने नहीं, बल्कि मृतक के अपने बेटे यशपाल ने करवायी थी। करोड़ों की संपत्ति हड़पने की नीयत से बेटे ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पिता को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हथियार व अन्य साक्ष्य भी बरामद कर लिए गए हैं।

लिफ्ट मांगने की कहानी थी मनगढ़ंत

29 नवंबर की रात यशपाल ने कंट्रोल रूम पर कॉल कर बताया था कि वह पिता के साथ रोशनाबाद में एक शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के पास एक शख्स ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही उसके पिता को गोली मारकर भाग गया।
पुलिस जब मौके पर पहुंची और पूछताछ शुरू हुई, तो यशपाल लगातार अपने बयान बदलता दिखाई दिया। शादी किसकी थी, यह पूछने पर भी वह सही जवाब नहीं दे सका। इससे पुलिस को पूरी कहानी पर संदेह हुआ और जांच का फोकस बेटे पर आ गया।

पूछताछ में टूट गया बेटा, सच उगल दिया

एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि कड़ी पूछताछ के दौरान यशपाल टूट गया और उसने सच कबूल लिया। उसने स्वीकार किया कि पिता की हत्या उसकी ही साजिश थी और उसने अपने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिलवाया।
पुलिस के अनुसार मृतक भगवान सिंह करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे। बेटे की गलत आदतों और विवादों के चलते पिता-पुत्र के संबंध खराब थे। संपत्ति अपने नाम कराने का दबाव न मानने पर बेटे ने रंजिश में यह कदम उठाया।

30 लाख रुपये और स्कॉर्पियो में किया गया सौदा

जांच में पता चला कि यशपाल ने अपने दोस्तों ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर को हत्या के बदले 30 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो देने का वादा किया था।
29 नवंबर की दोपहर तीनों ने नहर पटरी पर रेकी की और रात में हत्या की योजना को अंजाम दिया।

शादी का झांसा देकर पिता को ले गया, रास्ते में कर दी हत्या

रात करीब 8 बजे यशपाल पिता को दोस्त की शादी में ले जाने का बहाना बनाकर कार में बैठा ले गया। जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी पहले से इंतजार कर रहे थे।
योजना के मुताबिक उसने गाड़ी रुकवाई, खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया और राजन को कार में बैठाया। कुछ ही मिनटों बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मार दीं और फरार हो गया।
इसके बाद यशपाल ने अनजान बनकर 112 पर कॉल कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।

मुख्य आरोपी सहित तीनों गिरफ्त में

पुलिस ने यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर को गिरफ्तार कर लिया है।
राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, खोखा कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े और जूते उसके किराए के कमरे से बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

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