नई दिल्ली।
चाणक्य डिफेन्स डायलॉग 2025 के तीसरे संस्करण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भारत की आतंकवाद-रोधी नीति के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत शांति का समर्थक है, लेकिन अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के सम्मान के लिए किसी भी चुनौती का निर्णायक जवाब देने की क्षमता रखता है।
राष्ट्रपति मुर्मू: “ऑपरेशन सिंदूर ने नए भारत की शक्ति और संकल्प दिखाया”
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना की तकनीकी दक्षता, त्वरित कार्रवाई क्षमता और समन्वय की मिसाल है।
उन्होंने कहा कि—
- भारत ने सिर्फ आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाया।
- किसी नागरिक क्षेत्र या सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
- बेहद कम समय में कई ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जो भारत की उन्नत सैन्य तैयारी का प्रमाण है।
मुर्मू ने इसे “साहस, संतुलन और रणनीतिक स्पष्टता का उत्कृष्ट उदाहरण” बताया।
आधुनिक होती भारतीय सेना—‘Decade of Transformation’
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान दशक भारतीय सैन्य बलों के लिए एक बड़े बदलाव का समय है।
उन्होंने बताया कि—
- रक्षा उपकरणों का निर्माण अब पहले से कहीं अधिक स्वदेशी हो रहा है।
- उन्नत मिसाइल सिस्टम, ड्रोन तकनीक और आधुनिक संचार तकनीकों को सेना में तेजी से शामिल किया जा रहा है।
- सीमाओं पर अधिक स्मार्ट, तकनीक-आधारित निगरानी व्यवस्था विकसित की गई है।
मुर्मू के अनुसार, यह सब भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक सुरक्षा नेतृत्व की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की नई रक्षा रणनीति में युवाओं और महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि—
- NCC का विस्तार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा युवा राष्ट्रीय सुरक्षा को समझ सकें।
- सेना और पैरामिलिट्री में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
- खेल और नेतृत्व कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को रक्षा क्षेत्र में अवसर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समावेशी और आधुनिक सेना ही भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में सक्षम साबित होगी।
ऑपरेशन सिंदूर: क्यों बना चर्चा का केंद्र?
राष्ट्रपति मुर्मू के अनुसार, यह ऑपरेशन कई मायनों में अलग और महत्वपूर्ण था—
- भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए केवल आतंकी ढांचे को निशाना बनाया।
- हमले सटीक, अल्पकालिक और अत्यधिक प्रभावी रहे।
- इसने वैश्विक स्तर पर भारत की रणनीतिक क्षमता और जिम्मेदारी को मजबूत किया।
मुर्मू ने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, आधुनिक युद्ध कौशल और आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
राष्ट्रपति ने दिया स्पष्ट संदेश
अपने वक्तव्य के अंत में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा—
“भारत किसी से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा। देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत हर संभव कदम उठाता रहेगा।”
उन्होंने सुरक्षा बलों को सलाम करते हुए कहा कि उनका साहस, अनुशासन और रणनीतिक कौशल ही भारत को एक विश्वसनीय और सक्षम शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।