लाहौर, पाकिस्तान: पाकिस्तान में भारतीय सिख महिला सरबजीत कौर की शादी ने हड़कंप मचा दिया है। मामला तब और बढ़ गया जब पंजाब के पूर्व सिख विधायक महिंदर पाल सिंह ने लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनकी गिरफ्तारी और निर्वासन की मांग की। याचिका में आरोप लगाया गया कि कौर वीजा अवधि समाप्त होने के बाद पाकिस्तान में अवैध रूप से ठहरी हुई हैं, और उनका रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
पूर्व विधायक का कहना है कि 48 वर्षीय सरबजीत कौर गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने 2,000 सिख तीर्थयात्रियों के साथ पाकिस्तान आई थीं। लेकिन 13 नवंबर को तीर्थयात्रियों की वापसी के दौरान वह लापता हो गईं। बाद में पता चला कि उन्होंने पाकिस्तान के शेखूपुरा जिले के निवासी नासिर हुसैन से विवाह कर लिया। महिंदर पाल सिंह का दावा है कि कौर के खिलाफ भारत में आपराधिक रिकॉर्ड भी है, और उनके पाकिस्तान में रहने को लेकर संदेह पैदा होता है।
शादी और लापता होने का विवाद
जानकारी के अनुसार, सरबजीत कौर 4 नवंबर को पाकिस्तान पहुंचीं और अगले ही दिन शेखूपुरा चली गईं। वहां उन्होंने नासिर हुसैन से मुस्लिम रीति-रिवाज में निकाह किया और नाम बदलकर ‘नूर’ रख लिया। कौर का दावा है कि वह पिछले 9 वर्षों से सोशल मीडिया के माध्यम से नासिर हुसैन को जानती थीं और तलाकशुदा होने के कारण उनसे विवाह करना चाहती थीं।
पुलिस की दखलअंदाजी और प्रताड़ना का आरोप
नासिर हुसैन और सरबजीत कौर ने अदालत में आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा और निकाह समाप्त करने का दबाव डाला। कौर ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी उन्हें लगातार परेशान कर रहा था। हाईकोर्ट ने दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पुलिस को परेशान न करने का आदेश दिया।
वीजा और नागरिकता का मुद्दा
सरबजीत कौर ने अदालत को बताया कि वह पाकिस्तान में कानूनी रूप से रहना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने दूतावास से वीजा बढ़ाने और पाकिस्तानी नागरिकता लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनका पति पाकिस्तानी नागरिक है और वह वैध विवाह जीवन जीना चाहती हैं। दूसरी ओर, पूर्व विधायक का दावा है कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद उनका रहना अवैध है और यह पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा का आरोप
महिंदर पाल सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सरबजीत कौर “जासूस” हो सकती हैं और भारतीय एजेंसियों ने उन्हें जानबूझकर पाकिस्तान भेजा। उनका कहना है कि भारत ने आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद उन्हें अनुमति दी, जिससे शक बढ़ता है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि कौर को गिरफ्तार कर पाकिस्तान से बाहर भेजा जाए।
लाहौर हाईकोर्ट इस समय इस संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रही है। यह विवाद न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी संभावित प्रभाव डाल सकता है।