धर्मेंद्र के निधन के बाद राजकीय सम्मान को लेकर विवाद, नेताओं और फिल्म जगत में निराशा
बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र का सोमवार, 24 नवंबर 2025 को मुंबई में 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र घर पर ही इलाज ले रहे थे। सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां परिवार के साथ अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान, संजय दत्त सहित फिल्म जगत की कई हस्तियां मौजूद रहीं।
धर्मेंद्र के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि 60 वर्षों से अधिक के फिल्मी करियर और 300 से ज्यादा फिल्मों में योगदान देने के बावजूद उन्हें राजकीय सम्मान क्यों नहीं दिया गया।
संजय निरुपम बोले—‘धर्मेंद्र जैसे बड़े कलाकार को मिलना चाहिए था सम्मान’
शिवसेना (शिंदे) के नेता संजय निरुपम ने अमर उजाला से कहा कि धर्मेंद्र को राजकीय सम्मान न मिलना दुखद है।
उनके अनुसार—
“धर्म जी ने 60 साल से ज्यादा समय इंडस्ट्री को दिया। वो हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक रहे। इतने बड़े योगदान वाले कलाकार को राजकीय सम्मान मिलना चाहिए था।”
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार बेहद छोटे योगदान वाले लोगों को भी राज्य सम्मान मिल जाता है।
निरुपम ने संभावना जताई कि—
- प्रक्रिया में जल्दबाजी हुई हो,
- सरकार से चूक हुई हो,
- या परिवार की ओर से सहमति न मिली हो।
उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र बीजेपी के पूर्व सांसद थे, जिनके मामले में पुलिस सलामी भी दी जा सकती थी।
उज्ज्वल निकम ने भी जताया समर्थन
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने भी कहा कि धर्मेंद्र को राजकीय सम्मान अवश्य मिलना चाहिए था।
निकम ने कहा—
“धर्मेंद्र पद्मभूषण से सम्मानित हैं। ऐसे व्यक्तित्व के लिए राजकीय सम्मान बिल्कुल जरूरी था। यह देखना होगा कि प्रक्रिया किस विभाग के पास थी और कहाँ कमी रह गई।”
राजकीय सम्मान क्या होता है?
राजकीय सम्मान एक सरकारी प्रक्रिया है, जिसमें—
- राष्ट्रीय ध्वज से पार्थिव शरीर को ढंकना
- पुलिस या सेना की सलामी
- गन सल्यूट
- सरकारी प्रोटोकॉल
शामिल होते हैं।
किसे यह सम्मान दिया जाए, इसका निर्णय राज्य या केंद्र सरकार लेती है। कई बार इसमें परिवार की सहमति भी आवश्यक होती है।
धर्मेंद्र का योगदान—6 दशक की विरासत
1935 में पंजाब में जन्मे धर्मेंद्र ने 1960 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
उन्होंने:
- 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय,
- ‘शोले’, ‘धरम वीर’, ‘आन मिलो सजना’, ‘यादों की बारात’ जैसी सुपरहिट फिल्में,
- 2012 में पद्मभूषण सम्मान,
- 2004–2009 तक बीजेपी से सांसद के रूप में कार्य,
किया।
उनकी लोकप्रियता नई से नई पीढ़ी तक कायम रही।
किन कलाकारों को मिला है राजकीय सम्मान?
हिंदी फिल्म जगत में कई दिग्गजों को मरणोपरांत राजकीय सम्मान दिया गया है—
- लता मंगेशकर
- दिलीप कुमार
- श्रीदेवी
- शशि कपूर
- पंकज उधास
- मनोज कुमार
इसी सूची में धर्मेंद्र का नाम शामिल न होना अब चर्चा का विषय बना हुआ है।