सागर कवच अभ्यास: भारतीय तटरक्षक बल ने तटीय सुरक्षा तैयारियों का सफल परीक्षण, 32 एजेंसियां हुईं शामिल
भारतीय तटरक्षक बल ने 19 और 20 नवंबर को महाराष्ट्र और गोवा की तटरेखा पर दो दिवसीय तटीय सुरक्षा अभ्यास ‘सागर कवच-02/25’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस विशाल अभ्यास का उद्देश्य तटीय सुरक्षा नेटवर्क की बहु-स्तरीय व्यवस्था, प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय तंत्र की मजबूती का आकलन करना था। इसमें 6,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों, 115 से ज्यादा समुद्री व हवाई संसाधनों और 32 केंद्रीय व राज्य एजेंसियों ने भाग लिया।
समुद्री सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन
अभ्यास के दौरान समुद्र से घुसपैठ, संदिग्ध नौकाओं की गतिविधि, तटीय प्रतिष्ठानों पर हमले और आतंकवादी घटनाओं जैसी संभावित स्थितियों का वास्तविक माहौल में परीक्षण किया गया। सुरक्षा बलों ने अलग-अलग परिदृश्यों पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए अपनी ऑपरेशनल तैयारी प्रदर्शित की।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तटीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों की संयुक्त कार्यप्रणाली, संचार तंत्र और निगरानी क्षमता का मूल्यांकन करना था।
115 से अधिक संसाधनों की तैनाती
अभ्यास में तटीय सुरक्षा के विभिन्न संसाधनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। इसमें शामिल रहे—
- भारतीय नौसेना व तटरक्षक बल के जहाज
- डॉर्नियर विमान
- चेतक हेलिकॉप्टर
- एयर कुशन व्हीकल (ACV)
- मरीन पुलिस, कस्टम और सीआईएसएफ की नावें
- महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड और मत्स्य विभाग के संसाधन
इन संसाधनों ने समुद्र और तट दोनों क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए समन्वय की वास्तविक परीक्षा ली।
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की संयुक्त भागीदारी
इस अभ्यास में 19 केंद्रीय और 13 राज्य एजेंसियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसके अलावा एक प्रमुख बंदरगाह, 21 छोटे बंदरगाह और जिला स्तरीय तटीय अधिकारी भी अभ्यास का हिस्सा बने। सभी एजेंसियों की सामूहिक भागीदारी से तटीय सुरक्षा तंत्र की संयुक्त क्षमता का मूल्यांकन और भी प्रभावी तरीके से किया जा सका।
हवाई और समुद्री निगरानी का रियल-टाइम परीक्षण
अभ्यास के दौरान तटरक्षक बल और नौसेना के जहाजों ने समुद्र में सुरक्षा कवच मजबूत किया, जबकि डॉर्नियर विमान और चेतक हेलिकॉप्टरों ने आसमान से निरंतर निगरानी रखी। ACV जैसे उन्नत प्लेटफॉर्म ने तटीय इलाकों में तेज प्रतिक्रिया देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऑपरेशनल और कम्युनिकेशन नेटवर्क हुआ मजबूत
अभ्यास से पता चला कि तटीय सुरक्षा में शामिल एजेंसियों के बीच संवाद, इंटेलिजेंस शेयरिंग और संयुक्त संचालन की क्षमता बेहतर हुई है। अभ्यास के दौरान मिली सीख भविष्य में सुरक्षा तंत्र को और सुदृढ़ बनाएगी।
तटीय सुरक्षा तैयारियों की पुष्टि
‘सागर कवच-02/25’ ने स्पष्ट किया कि भारत का तटीय सुरक्षा तंत्र समुद्र से आने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है। संसाधनों का व्यापक उपयोग और बहु-एजेंसी समन्वय इस बात का प्रमाण है कि देश का तटीय सुरक्षा नेटवर्क मजबूत, सक्षम और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है।
यह अभ्यास आने वाले समय में समुद्री सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।