देहरादून में बांग्लादेशी युवक गिरफ्तार: फेसबुक पर पनपा प्यार, टूरिस्ट वीजा से आया और ‘सचिन’ बनकर रहने लगा; प्रेमिका भी पकड़ी गई

देहरादून: बांग्लादेशी युवक फेसबुक पर बने प्यार के सहारे भारत में बसा, फर्जी आधार बनवाकर ‘सचिन चौहान’ बन गया; पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

देहरादून पुलिस ने एक बांग्लादेशी युवक और उसकी भारतीय प्रेमिका को गिरफ्तार कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने और अवैध रूप से सीमा पार करने के मामले का बड़ा खुलासा किया है। युवक ने फेसबुक पर हुई दोस्ती को प्रेम में बदलते हुए टूरिस्ट वीजा पर कई बार भारत का रुख किया और फिर फर्जी पहचान बनाकर ‘सचिन चौहान’ के नाम से देहरादून में रहने लगा। उसकी प्रेमिका रीना ने उसके लिए अपने पूर्व पति के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में अहम भूमिका निभाई।

गुरुवार रात दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए और पूरे मामले से पर्दा उठ गया।


फेसबुक पर दोस्ती से शुरू हुआ रिश्ता, फिर टूरिस्ट वीजा से आते-जाते बना योजना

जांच में सामने आया कि बांग्लादेश के मेहरपुर जिले के निवासी ममून हसन (28) की पहचान त्यूणी की रहने वाली रीना चौहान से फेसबुक पर हुई। इसके बाद ममून साल 2019 में पहली बार टूरिस्ट वीजा पर देहरादून आया और दो महीनों तक रीना के साथ रहा।

साल 2020 और 2021 में भी वह भारत आया और दोनों का रिश्ता मजबूत होता गया।

कोरोना काल में वीजा की अवधि खत्म होने पर ममून अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर रीना को अपने साथ बांग्लादेश ले गया, जहां दोनों ने निकाह कर लिया। कुछ समय बाद दोनों दोबारा अवैध रूप से भारत लौट आए और देहरादून में किराये के मकान लेकर रहने लगे।


पूर्व पति के नाम पर बनवाया फर्जी आधार, उसी पहचान से नौकरी भी कर ली

रीना ने पुलिस को बताया कि उसका विवाह पहले त्यूणी निवासी सचिन चौहान से हुआ था, लेकिन दोनों अलग रह रहे थे। इस दौरान ममून से उसकी फेसबुक पर बातचीत होने लगी और रिश्ता गहरा हुआ।

ममून को भारत में पहचान देने के लिए रीना ने अपने परिचितों की मदद से पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर फर्जी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र बनवा दिए।

इन्हीं दस्तावेजों का उपयोग करके ममून ने देहरादून के एक क्लब में ‘सचिन चौहान’ बनकर बाउंसर की नौकरी भी हासिल कर ली।
पुलिस ने उसके पास से सभी फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।


ऑपरेशन कालनेमि के तहत गिरफ्तारी, देशविरोधी गतिविधियों की जांच जारी

एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, ऑपरेशन कालनेमि के दौरान शहर में फर्जी पहचान और अवैध रूप से रहने वालों की सघन जांच की जा रही है। इसी दौरान नेहरू कॉलोनी पुलिस और एलआईयू को दोनों की गतिविधियों की सूचना मिली।

पूछताछ में ममून ने स्वीकार किया कि वह अवैध तरीके से कई बार बॉर्डर पार कर चुका है। पुलिस अब यह जांच भी कर रही है कि फर्जी पहचान के सहारे कहीं उन्होंने किसी देशविरोधी गतिविधि में भागीदारी तो नहीं की। फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है।

दोनों को अवैध सीमा पार करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जानकारी केंद्रीय एजेंसियों को भी भेज दी गई है।


देहरादून में अब तक 16 बांग्लादेशी पकड़े जा चुके

एसएसपी ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून जिले में अवैध तरीके से रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जा चुके हैं।

  • इनमें 9 को डिपोर्ट किया जा चुका है,
  • जबकि 7 विभिन्न अपराधों में शामिल पाए गए, जिन्हें जेल भेजा गया है।

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