Uttarakhand: एसएससी परीक्षा में ब्लूटूथ नकलकांड, डिजिटल जोन मालिक जांच के घेरे में

Uttarakhand: एसएससी परीक्षा में ब्लूटूथ नकलकांड, डिजिटल जोन मालिक जांच के घेरे में

देहरादून में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (CHSL) परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे नकल कराने का गंभीर मामला सामने आया है। मंगलवार को महादेवी कन्या इंटर कॉलेज परिसर में संचालित महादेव डिजिटल जोन में परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी दीपक ब्लूटूथ डिवाइस के साथ पकड़ा गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।

डिजिटल जोन मालिक पर भी शक की सुई

जांच में खुलासा हुआ कि दीपक को ब्लूटूथ उपलब्ध कराने वाला अस्थायी कर्मचारी लकी, डिजिटल जोन मालिक द्वारा ही विशेष रूप से एसएससी परीक्षा के लिए नियुक्त किया गया था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि लकी की नियुक्ति किस उद्देश्य से की गई और क्या उसके पीछे कोई संगठित गिरोह सक्रिय है।

लकी 12 से 30 नवंबर तक अस्थायी रूप से रखा गया था और घटना के बाद से फरार है। पुलिस उसकी तलाश में विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही है।

परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल

जांच अधिकारियों का मानना है कि यदि लकी के पीछे कोई मास्टरमाइंड या नेटवर्क सामने आता है, तो पूरी परीक्षा प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ सकती है। हालांकि एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि अभी तक परीक्षा की सुचिता पर कोई बड़ा सवाल सामने नहीं आया है। यह एक अलग-थलग मामला प्रतीत होता है, लेकिन दो आरोपी अभी भी फरार हैं।

दीपक को जेल भेजा गया

गिरफ्तार अभ्यर्थी दीपक, जो हरियाणा के रोहतक जिले की तहसील सांपना का निवासी है, को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पूछताछ में सामने आया कि ब्लूटूथ के माध्यम से उसका परिचित जैश उसे जवाब देने वाला था, जो फिलहाल फरार है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड के बाद एक बार फिर परीक्षा केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि बावजूद सख्ती के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस परीक्षा हॉल तक पहुंच गई।

आउटसोर्स कंपनी के अधीन था डिजिटल जोन

महादेव डिजिटल जोन को प्रतियोगी परीक्षा संचालन हेतु आउटसोर्स के माध्यम से शुभम भटनागर ने किराये पर लिया था। स्थानीय प्रबंधक भगवान ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि परीक्षा सुबह 10 से 11 बजे तक निर्धारित थी और परीक्षार्थियों को 8:30 बजे तक प्रवेश दिया गया।

दीपक की पहली तलाशी में कोई डिवाइस नहीं मिला था, लेकिन वॉशरूम जाने के बाद दोबारा जांच करने पर ब्लूटूथ डिवाइस बरामद हुई। आरोपी ने स्वीकार किया कि यह डिवाइस उसे अस्थायी कर्मचारी लकी ने दी थी।

पुलिस ने मामले में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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