Uttarakhand Politics: कांग्रेस का ‘फेस’ तैयार, लेकिन ‘बेस’ मजबूत नहीं होने देना चाहती भाजपा; अनुभवी नेता मैदान में उतारे

Uttarakhand News: कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर भाजपा की कड़ी नजर, अनुभवी नेताओं को किया सक्रिय

उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष करण महरा गोदियाल (या केवल गोदियाल—जैसा संदर्भित) के चयन के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्ताधारी भाजपा इसे विपक्ष के भीतर उभरते नए नेतृत्व के रूप में देख रही है और किसी भी सूरत में कांग्रेस को प्रदेश में मजबूत आधार (बेस) तैयार करने का मौका नहीं देना चाहती। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने विभिन्न क्षेत्रों और राजनीतिक ध्रुवों से अनुभवी नेताओं को सक्रिय कर दिया है, ताकि कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को समय रहते चुनौती दी जा सके।

भाजपा की ‘डैमेज कंट्रोल’ रणनीति सक्रिय

हालांकि भाजपा नेता सार्वजनिक मंचों पर कांग्रेस के नए अध्यक्ष के प्रभाव को नकारते दिख रहे हैं, लेकिन उनकी बयानबाजी साफ संकेत दे रही है कि पार्टी गोदियाल के नेतृत्व परिवर्तन को हल्के में नहीं ले रही।
भाजपा नेतृत्व कांग्रेस में हालिया बदलावों पर पैनी नजर बनाए हुए है—चाहे वह कार्यकारी ढांचे में फेरबदल हो, जिलों में नई नियुक्तियां हों या वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बयान।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि 2027 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भले ही ‘नया चेहरा’ मिला हो, परंतु उसे जनता के बीच मजबूत आधार न बनाने दिया जाए। यही कारण है कि भाजपा कांग्रेस नेताओं की हर गतिविधि की मॉनिटरिंग कर रही है—

  • हरक सिंह रावत के लगातार दिए जा रहे विवादित बयान
  • हरीश रावत की रणनीतिक सक्रियता
  • नए अध्यक्ष की तैयारियां
  • जिलावार अध्यक्षों की गतिविधियां

“सामने वाले को कमजोर समझने की गलती न करें”—बीजेपी का आंतरिक चेतावनी संदेश

एक वरिष्ठ भाजपा नेता के अनुसार, “चाहे हम कितने भी मजबूत क्यों न हों, प्रतिद्वंद्वी को कमजोर समझने की गलती भारी पड़ सकती है। राजनीति तेजी से बदल रही है और कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में गोदियाल को नज़रअंदाज करना ठीक नहीं होगा।”

उन्होंने यह भी माना कि उत्तराखंड की राजनीति लंबे समय से क्षत्रिय–ब्राह्मण समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमती रही है, और नया नेतृत्व इस समीकरण में बदलाव ला सकता है। जबकि भाजपा के पास पहले से ही महेंद्र भट्ट के रूप में एक मजबूत संगठनात्मक नेतृत्व मौजूद है, फिर भी पार्टी पूरी सतर्कता में है।

सोशल मीडिया और मीडिया वार रूम भी सक्रिय

कांग्रेस नेताओं के बयानों के सोशल मीडिया पर वायरल होने की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा ने अपनी प्रवक्ता टीम को भी सक्रिय कर दिया है।
वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेश जोशी, मनवीर चौहान और अन्य प्रवक्ता लगातार पारंपरिक मीडिया और सोशल मीडिया दोनों पर प्रतिक्रिया जारी कर रहे हैं, ताकि कांग्रेस की बातों का जनमानस पर असर न पड़े।

आगे क्या?

अब पूरा राजनीतिक फोकस इस बात पर है कि कांग्रेस के नए नेतृत्व परिवर्तन का

  • कार्यकर्ताओं पर
  • आम जनता पर
  • और भविष्य की रणनीति पर

क्या प्रभाव पड़ेगा।
भाजपा किसी भी सूरत में विपक्ष को प्रदेश में पैर जमाने नहीं देना चाहती, और इसी के चलते राजनीतिक गतिविधियाँ आने वाले महीनों में और तेज होने की संभावना है।

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