Bangladesh Breaking: शेख हसीना पर आज फैसला, देश में तनाव—जानिए पूरा मामला और आरोपों की पूरी लिस्ट
बांग्लादेश में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो प्रमुख सहयोगियों—पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल तथा पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून—के खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों के मामले में आज फैसला सुनाया जाएगा।
यह फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा दिया जाएगा, जिसे लेकर पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से मजबूत किया गया है। कई शहरों में धारा 144 जैसी पाबंदियां लागू हैं और इंटरनेट पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
क्यों है यह मामला इतना बड़ा?
यह मामला 2023 में छात्र आंदोलनों के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है, जिनमें कई प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी।
सबसे सनसनीखेज आरोप 5 अगस्त 2023 की उन घटनाओं से जुड़ा है, जहां अशुलिया और चंखरपुल में छह छात्रों को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और बाद में पाँच शवों को जला दिया गया। एक छात्र को कथित रूप से जिंदा जलाया गया।
क्या कहता है अभियोजन पक्ष?
अभियोजन पक्ष का दावा है कि—
- 1400 लोगों की मौत वाली सुरक्षा कार्रवाई हसीना की सीधी मंजूरी से हुई।
- पूरे अभियान की “मास्टर प्लानिंग” हसीना के नेतृत्व में हुई।
- इसलिए उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग इन मामलों को राजनीतिक बदला बताती है।
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज पाँच बड़े आरोप
नीचे वे सभी आरोप सूचीबद्ध हैं, जिन पर आधारित होकर न्यायाधिकरण आज फैसला सुनाने जा रहा है:
1. हत्या व यातना जैसे अमानवीय कृत्यों को बढ़ावा देने का आरोप
आरोप है कि हसीना ने कानून-व्यवस्था से जुड़े अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर:
- हत्या,
- यातना,
- और अमानवीय व्यवहार
जैसे अपराधों को रोकने के बजाय उन्हें बढ़ावा दिया।
14 जुलाई 2023 की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद इन कार्रवाइयों में तेजी आई।
2. हेलीकॉप्टर, ड्रोन और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश
अभियोजन का आरोप है कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ
- हेलीकॉप्टर,
- ड्रोन
और घातक हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए आदेश जारी किए।
पूर्व गृह मंत्री और आईजीपी ने इन्हें लागू करवाया।
3. रंगपुर में अबू सईद की हत्या का आरोप
बेगम रोकैया विश्वविद्यालय के पास एक प्रदर्शन के दौरान छात्र अबू सईद को कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह आदेश भी हसीना से आया था।
4. ढाका चंखरपुल में छह निहत्थे छात्रों की हत्या
चंखरपुल में हुई हत्या को
- सुनियोजित साजिश
- प्रत्यक्ष आदेश
और - मिलीभगत
का हिस्सा बताया गया है।
5. अशुलिया में छह छात्रों की हत्या, पाँच शव जलाए गए
सबसे गंभीर आरोप अशुलिया की घटना का है, जहां छह छात्रों की हत्या के बाद
- पाँच को जला दिया गया,
- जबकि एक को जिंदा जलाए जाने का दावा है।
फैसले के बाद की स्थिति: क्या होगा अगला चरण?
सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अदालत का फैसला टीवी चैनलों पर लाइव दिखाया जा सकता है।
गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने कहा कि सरकार फैसले का पालन तुरंत करेगी।
क्या आरोपी अपील कर पाएंगे?
अभियोजक तमीम के अनुसार—
- भगोड़े आरोपी अपील का हक नहीं रखते।
- अपील के लिए पहले गिरफ्तारी या स्वेच्छा से आत्मसमर्पण ज़रूरी है।
- दोष सिद्ध होने पर 30 दिन के भीतर अपील की जा सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट को 60 दिनों के भीतर अपील का निपटारा करना होगा।
यह फैसला बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है, और इसी कारण पूरी दुनिया की नजरें आज के निर्णय पर टिकी हैं।