वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बुधवार, 12 नवंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में चालू वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही और अर्धवार्षिक नतीजों पर चर्चा होगी। इस बैठक की अध्यक्षता वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस समीक्षा बैठक में न केवल बैंकों की तिमाही रिपोर्टों पर चर्चा होगी, बल्कि सरकारी योजनाओं की प्रगति और उनके क्रियान्वयन की स्थिति पर भी विचार किया जाएगा। इसमें जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं की पहुंच और प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा।
💰 बैंकों का तिमाही प्रदर्शन ऐतिहासिक
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। बैंकों ने कुल 49,456 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो साल-दर-साल आधार पर 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
हालांकि, दो बैंकों के मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाकी बैंकों के मजबूत प्रदर्शन से समग्र लाभ में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई।
🏦 एसबीआई का दबदबा बरकरार
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।
एसबीआई अकेले ही सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कुल मुनाफे में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।
📈 अन्य बैंकों का प्रदर्शन
इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने सबसे अधिक 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और 1,226 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी मजबूत प्रदर्शन करते हुए 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,213 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
हालांकि, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुनाफे में क्रमशः 8 और 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।
🗣️ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान
पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत को “बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों” की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और सरकारी बैंकों के साथ लगातार चर्चा जारी है।
उन्होंने कहा कि “सरकार मजबूत बैंकिंग ढांचा तैयार करने के लिए काम कर रही है ताकि भारतीय बैंक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी भूमिका निभा सकें।”
📋 बैठक के प्रमुख मुद्दे
बैठक में जिन विषयों पर चर्चा होने की संभावना है, उनमें शामिल हैं —
- सार्वजनिक बैंकों का वित्तीय प्रदर्शन और लाभ वृद्धि
- एनपीए (Non-Performing Assets) नियंत्रण पर रणनीति
- सरकारी योजनाओं की प्रगति और प्रभाव
- डिजिटल बैंकिंग व फिनटेक एकीकरण
- ग्रामीण व कृषि ऋण वितरण की स्थिति
इस बैठक से उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय बैंकों के भविष्य के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए नई रणनीति तय करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए आगामी आर्थिक दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकती है।