हल्द्वानी: शादी और दो बच्चों का बाप होने की बात छिपा कर दुष्कर्मी ने नाबालिग छात्रा को प्यार के जाल में फंसाया और सालों तक दुष्कर्म करता रहा। खुलासा हुआ तो पीड़िता ने मुकदमा दर्ज कराया और अब अदालत ने दुष्कर्मी को 20 साल की सजा 41 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। होमगार्ड में तैनात दुष्कर्मी की मां को अदालत ने बरी कर दिया है।
पीड़िता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडीजीसी फौजदारी नवीनचंद्र जोशी ने बताया, 2015 में पीड़िता 11वीं की छात्रा थी। वर्ष 2015 में स्कूल के वार्षिकोत्सव में पीड़िता अपने दोस्त के जरिये गुलजारपुर बंकी कालाढूंगी निवासी अरुण गड़िया पुत्र स्व.मान सिंह गड़िया से मिली। वह शादीशुदा और दो बच्चों का पिता था, लेकिन यह बात उसने पीड़िता से छिपाई और प्यार में फंसा लिया।
उसे फोन गिफ्ट किया और एक दिन कार से उसके स्कूल पहुंच गया। वह उसे मुखानी ले गया जहां से उसके साथ दुष्कर्म किया। वर्ष 2016 में उसे नैनीताल ले गया और कोल्डड्रिंक में शराब पिलाकर दुष्कर्म किया और शादी का झांसा देता रहा। इस रात लड़की देर से घर पहुंची तो घरवालों ने फटकार लगा दी। तड़के सुबह उसने अरुण से बात की और अरुण उसे लेकर फरार हो गया। मुखानी थाने में शिकायत हुई तो वह लड़की को सुपुर्द कर गया।
परिजनों ने लड़की को पहले उत्तर प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार और फिर नाना-नानी के घर भेजा, लेकिन अरुण ने पीछा नहीं छोड़ा। वह दोनों जगह से उसे ले आया और पुलिस के दखल पर फिर सुपुर्द कर दिया। इसके बाद वह उसे फिर अपने घर ले गया। पीड़िता कालाढूंगी पहुंची तो पता लगा कि वहां उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं। करीब एक साल वो यहां कैद में रही, फिर किसी पड़ोसी से संपर्क कर वंदे मातरम ग्रुप तक पहुंची।
वर्ष 2021 में ग्रुप ने उसका रेस्क्यू किया और थाने पहुंचा। जिसके बाद गणेश व उसकी होमगार्ड में तैनात मां के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामले में 8 गवाह पेश किए गए। जिसके आधार पर दुष्कर्मी को 20 साल की सजा और 41 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। जबकि मामले में दुष्कर्मी की मां को बरी कर दिया गया है। दुष्कर्मी वर्ष 2021 से ही जेल में बंद है और एकाध बार पैरोल पर बाहर आया है।