मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को राज्य कैबिनेट ने दी मंजूरी
देहरादून: राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं का सपना साकार करने के लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को स्वीकृति दे दी है। इसके अंतर्गत नर्सिंग और हास्पिटेलिटी के क्षेत्र में लगभग 10 हजार युवाओं के हुनर को निखारकर उन्हें जापान और जर्मनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
विदेश रोजगार हेतु युवाओं को डोमेन क्षेत्र में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के साथ-साथ सम्बन्धित देश की भाषा, संस्कृति एवं कार्य नियमों आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त चयनित अभ्यर्थियों के टिकट वीजा आदि से सम्बन्धित प्रक्रियाओं में भी सहयोग प्रस्तावित है।
मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने इन निर्णयों को ब्रीफ करते हुए बताया कि विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं से संबंधित डाटाबेस तैयार करने के लिए अपणि सरकार पोर्टल पर एप्लीकेशन विकसित की जा चुकी है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट के माध्यम से प्रस्ताव अमंत्रित किए जा रहे हैं। कई संस्थाओं के प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च का 20 प्रतिशत सरकार उठाएगी। ऋण लेने पर देय ब्याज का 75 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। प्रशिक्षण से लेकर वीजा आदि पर लगभग 1.70 लाख तक खर्च आएगा। प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में 85 प्रतिशत को अनिवार्य रूप से रोजगार संबंधित कंपनी को देना होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम की फीस का निर्धारण इस प्रकार किया जाएगा कि अभ्यर्थी को सेवायोजित होने से पहले कुछ प्रतिशत की धनराशि देनी पड़े। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शेष राशि भुगतान की जा सकेगी।
कंपनियों की चयन केंद्र सरकार की संस्था नेशनल स्किल डेवलपमेंट कंपनी की अधिसूचित कंपनियों में से किया जाएगा। नर्सिंग के क्षेत्र में समस्त नर्सिंग कालेजों के प्रधानाचार्यों के साथ वर्कशाप हो चुकी है। नौ मई को विभिन्न नर्सिंग कालेजों से एएनएम एवं जीएनएम उत्तीर्ण युवाओं को जापान में एल्डरली केयर में रोजगार के अवसरों की जानकारी देने को वर्कशाप रखी गई थी। वर्कशाप में ही इच्छुक युवाओं का स्क्रीनिंग टेस्ट लिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए हब सहसपुर में प्रस्तावित है।