देहरादून: अंकिता हत्याकांड ने राजनैतिक मोड़ ले लिया है I बुलडोज़र की कारवाही पर तमाम लोग सवाल उठा रहे है I इस कारवाही को साक्ष्य मिटने की कोशिश्ग कहा जा रहा है I इन सवालों के बीच पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी सवाल किया है I
वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर एक्शन पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे है I इन सवालों के जवाब में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिला प्रशासन कह रहा है कि हमसे कोई अनुमति नहीं ली गई थी। ऐसे में अब यह जांच का विषय बन गया है कि रिजॉर्ट पर किसने कहने पर बुलडोजर चलाया गया। कहा कि इतनी भी क्या जल्दी थी कि रातोंरात ही रिजॉर्ट पर बुलडोजर एक्शन हुआ। इससे पहले भी बुलडोजर एक्शन पर कई बार सवाल उठाए गए हैं।
रावत का कहना है कि रिजॉर्ट के नियम हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उनका पालन नहीं हो पा रहा है, जबकि प्राधिकरण और जिलों के पास फुल अथॉरिटी है। रावत का कहना है कि व्यवस्थाओं का अनुपालन जरूरी है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि अंकिता हत्याकांड बहुत दुखद है और उत्तराखंड सरकार इसपर नजर बनाए हुए है।
बुलडोजर एक्शन से पहले जरूरी साक्ष्य निकालने का दावा
अंकिता हत्याकांड में धामी सरकार के आदेश के बाद गठित एसआईटी का दावा है कि बुलडोजर एक्शन से पहले सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए गए थे। एसआईटी टीम द्वारा घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया गया है। अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एम्स से प्राप्त करके परिजनों को दिखाई गई है।
घटनास्थल से सभी भौतिक साक्ष्यों के साथ-साथ सीसीटीवी फुटैज, मोबाइल सीडीआर आदि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्राप्त करके गहनता से विश्लेषण कर अध्ययन किया जा रहा है। प्रकरण के मुख्य गवाहों, रिजॉर्ट कार्मिकों से पूछताछ जारी है। हत्यारोपियों से महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त करने हेतु पुलिस कस्टडी रिमाण्ड प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है।