देहरादून: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मामले पर जल्दी सुनवाई और यथास्थिति कायम रखने के आदेश देने की मांग की है। कोर्ट ने तत्काल आदेश देने से इन्कार करते हुए कहा कि वे पहले केस की फाइल देखेंगे।
बता दें, सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से निष्पक्ष न होने का आरोप लगाते हुए एडवोकेट कमिश्नर बदलने की अपील की गई थी। चार दिन तक चली सुनवाई के बाद उनकी अपील खारिज कर दी गई और कमीशन की कार्यवाही को पूरा करने का आदेश दिया गया। गुरुवार को एडवोकेट कमिश्वर बदलने की मांग भी खारिज कर दी गई। सिविल जज ने आदेश दिया कि अजय कुमार मिश्रा एडवोकेट कमिश्नर बने रहेंगे, उन्हें 17 मई तक कोर्ट में पूरी कार्यवाही की रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।
जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा| जिसमे याचिकाकर्ता ने केस का जिक्र करते हुए कोर्ट से मामले पर जल्दी सुनवाई और यथास्थित कायम रखने का आदेश देने की मांग की। कोर्ट ने तत्काल कोई आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि वे पहले केस की फाइल देखेंगे।
अदालत ने स्पष्ट आदेश में कहा है कि यदि किसी स्थान पर अवरोध उत्पन्न किया जाता है तो उसे जिला प्रशासन दूर करेगा। जिला प्रशासन को अधिकार पूरा होगा कि ताला खुलवाकर या तुड़वाकर कमीशन की कार्रवाई पूरी कराएं। इस दौरान बाधा बनने वालों पर विधिक कार्रवाई करें और मुकदमा भी दर्ज करवाएं।
ज्ञानवापी मस्जिद केस में फैसला सुनाने वाले जज रवि कुमार दिवाकर ने अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस साधारण से सिविल वाद को असाधारण बनाकर डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। डर इतना है कि अपनी व परिवार की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। घर से बाहर होने पर पत्नी बार-बार सुरक्षा को लेकर चिंता जताती है। लखनऊ में मां ने बातचीत के दौरान मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।