चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की मौत एवं असुविधाओं के प्रति शासन ने उठाया कड़ा कदम

देहरादून : चारधाम यात्रा के दौरान एक सप्ताह में 20 तीर्थयात्रियों की मौत और यात्रा की अव्यवस्थाओं पर शासन हरकत में आया है। स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने विभागीय अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम, पुलिस कप्तान व सीएमओ के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

इस बैठक के दौरान कुछ ठोस निर्णय भी लिए गए। साथ ही विभाग ने हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इससे तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी होती हैं। शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यटन विभाग के माध्यम से भी हेल्थ एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराएं। 

मंगलवार को बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ यात्रा व्यवस्था की नियमित निगरानी तथा समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। यात्रा ड्यूटी में शिथिलता और अनुपस्थित डॉक्टरों व अन्य स्टाफ पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने आपात स्थिति में मरीजों और पीड़ित तीर्थयात्रियों को तत्काल राहत के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देेश भी जारी किए है। जिसके चलते तीर्थयात्री को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाने को कहा गया है। सचिव ने जिलाधिकारी चमोली के अनुरोध पर एक फिजीशियन को तत्काल जिला अस्पताल गोपेश्वर में तैनात करने के निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को 15-15 दिन के लिए रोस्टर के आधार पर चारधाम यात्रा के लिए डॉक्टरों की तैनाती करने को कहा गया है। स्वास्थ्य सचिव ने महानिदेशालय में तैनात निदेशक डॉ. विनीता शाह को उत्तरकाशी, डॉ. सरोज नैथानी को रुद्रप्रयाग और डॉ. भारती राणा को चमोली जिले का नोडल अधिकारी नामित कर यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी के लिए निर्देशित किया है। बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट और एसडीआरएफ के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।

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