नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर प्रशांत किशोर ने साधा निशाना

देहरादून: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ संकेत दिए कि वे पॉलिटिक्स में एंट्री करेंगे। पीके ने कहा कि बिहार में बदलाव और नई सोच की जरूरत है। उन्होंने किसी पार्टी का ऐलान नहीं किया, लेकिन अपना प्लान बताते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में समाज के हर तबके से बात हुई है। वह बिहार में नई सोच, बदलाव और सुराज का हिमायती है। इस दौरान उन्‍होंने लालू राज के साथ ही नीतीश कुमार के शासनकाल निशाना साधा है।

गुरुवार को प्रेस कांफ्रेस कर पीके ने कहा कि वे अगले 3-4 महीनों में 3 हजार किलोमीटर पदयात्रा करेंगे। इसकी शुरुआत चंपारण से होगी। करीब 17 हजार लोगों से बात करेंगे। अगर ज्यादातर लोग सुराज और नई सोच के पक्ष में रहते हैं और किसी राजनीतिक पार्टी के ऐलान की जरूरत पड़ती है तो उसका ऐलान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पार्टी प्रशांत किशोर की नहीं होगी।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के राज पर सवाल खड़े करते हुए प्रशांत किशोरने ने कहा कि तीन दशकों से इन्‍हीं दोनों ने बिहार पर शासन किया। लेकिन दोनों के अच्‍छे काम के बावजूद इनके 30 वर्षों के शासनकाल में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्‍य बना हुआ है। उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके नीतीश कुमार जी से अच्‍छे संबंध हैं। लेकिन व्‍यक्तिगत संबंध की बात अलग है। जरूरी नहीं कि उनकी बातों या हर कार्य पर सहमति हो। 

पीके ने कहा कि बिहार में पिछले 30 वर्षों से लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का ही राज है। लालू जी और उनके समर्थकों का मानना है कि उनके शासन के समय सामा‍जिक न्‍याय का काम हुआ। वहीं नीतीश जी सीएम हुए तो उनका और उनके समर्थकों का मानना है कि उन्‍होंने आर्थिक विकास और दूसरे सामा‍जिक पहलुओं पर काम किया है। दोनों के दावों में कुछ सच्‍चाई जरूर है। लेकिन यह भी सच है कि  विकास के ज्‍यादातर मानकों पर बिहार देश के सबसे निचले पायदान पर है। यह भारत सरकार का आंकड़ा है। अब यदि बिहार को आगे के 10-15 वर्षों में अग्रणी राज्‍य की श्रेणी में आना है तो जिस रास्‍ते पर यह पिछले 15-20 वर्षों से चल रहा है उसे बदलना होगा। उस रास्‍ते पर चलकर विकास नहीं हो सकता।  बिहार के लोग जब तक एक साथ नई सोच और प्रयास के पीछे नहीं आएंगे, बिहार की दशा ठीक नहीं हो सकती।

नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए पीके ने कहा कि उन्‍होंने नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। लेकिन वास्‍तविकता यह है कि जिनकी सरकार यहां है उनकी ही सरकार देश में भी है। ऐसे में यह नहीं कह सकते क‍ि विपक्ष की सरकार है तो डेटा गलत है। भले नीति आयोग की रिपोर्ट पर वे सवाल उठा दें लेकिन बिहार की जनता जानती है कि आपके सीएम रहते यहां की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य की व्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त है। हजारों-लाखों लड़के दूसरे राज्‍यों में जाकर विषम स्थितियों में काम करने को मजबूर हैं।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *