देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने द्वारा वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जानकी कुकरेती केआकस्मिक निधन पर उन्हें श्रद्धांजली दी। जानकी कुकरेती ने 92 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली, वह राज्य आन्दोलन के समय से लेकर अब तक राज्य हित के लिये लगातार संघर्ष करती रहींI सोमवार को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गयाI
पृथक उत्तराखण्ड राज्य की लड़ाई में जानकी कुकरेती ने सुशीला बलूनी जी के नेतृत्व में हमेशा संघर्षरत रही। वह राज्य आंदोलन में प्रातः 4 बजे ही ONGC , सर्वे आफ इण्डिया व आसपास के क्षेत्र में बंद चक्का जाम हेतु सक्रिय रहती थी। राज्य आंदोलन के दौरान गन्ना समिति चुनाव विरोध में घायल हुई थी। पिछले 2 वर्षो से वह थोड़ा अस्वस्थ चल रही थी, उनके पति का काफी पहले ही देहांत हो चुका था। उनके दो पुत्र हरीश कुकरेती एवं दिनेश कुकरेती है और वर्तमान में वह सहस्त्रधारा रोड़ रुद्राक्ष एनक्लेव में नजदीक सिद्धार्थ लॉ कालेज में पुत्र के साथ रह रही थी।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो में सुशीला बलूनी , जगमोहन सिंह नेगी , ओमी उनियाल , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , रविन्द्र जुगरान , केशव उनियाल , सुमन भण्डारी , राकेश नोटियाल , वेदानन्द कोठारी , राजेश पांथरी , भानु रावत , प्रभात डन्डरियाल , सुरेश नेगी , जगदीश चौहान , पुष्पलता सिलमाना , शकुन्तला नेगी , सुलोचना भट्ट , भुवनेश्वरी नेगी , राधा तिवारी , द्वारिका बिष्ट , राजस्वरी रावत , प्रभा नैथानी आदि मौजूद रहे।