उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा : प्रधानमंत्री मोदी

-प्रधानमंत्री ने कुमाऊँनी बोली में नये साल और घूघुत्या त्यौहार की दी बधाई

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को हल्द्वानी ,नैनीताल में आयोजित कार्यक्रम में कुल 17 हजार 547 करोड रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 3 हजार 420 करोड रूपए़ की 06 योजनाओं का लोकार्पण औरं 14 हजार 127 करोड़ रूपए की 17 योजनाओं का शिलान्यास किया।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विकास परियोजनाओं के लिए उत्तराखण्ड की जनता को बधाई देते हुए कहा कि आज कुमाऊँ आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। और ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को युवा, कर्मठ और लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में तेजी से हो रहे विकास को और तेजी से करना है। उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा। ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके सपने, हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है, और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। उत्तराखंड तेज विकास की रफ्तार को और तेज करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिट्टी की ताकत को जानता हूं। बढ़ रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर, चारधाम परियोजना, रेल परियोजना, नये हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट, बढ़ रही औद्योगिक क्षमता, टूरिज्म सेक्टर में बढ़ रही सुविधाएं, होम स्टे, प्राकृतिक खेती, हर्बल उत्पाद से ये दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। सबका साथ, सबका विकास से उत्तराखण्ड और देश का विकास हो रहा है।

कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेजी से कम हो रही है। केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।

सेना और सैनिकों को मजबूत किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतजार ही कराया। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं। हमारी सरकार ने सैनिकों का मान बढ़ाया। उनकी वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया। उच्च कोटि के हथियार उपलब्ध कराकर सेना को मजबूत किया। अब हमारी सेना को दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *