देहरादून : कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में योगदान दे चुके दंत चिकित्सकों के प्रति सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने विरोध जताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। दसौनी ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया की गत माह मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ जिले में एक घोषणा की थीI जिसे 6 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में पास किया गया I घोषणा में कोविड में हटाएं गए सभी कर्मचारियों को मार्च तक पुनः नियुक्ति देने के निर्देश दिए थे लेकिन सचिव के 2020 आदेश अनुसार शासनादेश संख्या461/XXVIII-1/21-01/(06)/2020टी.सी.2 के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारियों को ही पुनः नियुक्ति दी जा रही है जबकि 2021मई में शासनदेश संख्या474/XXVIII-1/21-01(19)/2021 के अन्तर्गत भी डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ रखा गया था लेकिन उन्हें पुनः नियुक्ति नही दी जा रही है।
दसौनी ने कहा कि 2021 में कोविड की दूसरी लहर ओर भी प्रचंड और जानलेवा थी I ऐसी परिस्तिथी में भी अपनी जान की परवाह किए बगैर जिस तरह से दंत चिकित्सको ने काम किया I ऐसे में अब सरकार इस तरह का दोहरा मापदंड अपनाकर संवेदनहीनता का ही परिचय दे रही है। गरिमा ने बताया कि विभागीय अधिकारियों का कहना है की 2020 शासनादेश वालो को वापिस रखा जा रहा है जबकि 2021वालो के लिए कोई शासनादेश नही है। जोकि अपने आप में बहुत ही शिथिल करने वाला है ।
दसौनी का कहना है कि जब मुख्यमंत्री के आदेश सभी कोविड ड्यूटी वालों के लिए है न केवल 2020 वालों के लिए तो ऐसे में यह भेदभाव क्यों? दसोनी ने यह भी कहा कि कोरोना की तीसरी लहर औमिक्रोन के रूप में दस्तक दे चुकी है और धीरे धीरे राज्य और देश में पांव पसार रही है, तो दंत चिकित्सकों की अनदेखी समझ से परे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की है कि वह स्वास्थ्य सचिव को निर्देशित कर पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेंगे और 2021 के दंत चिकित्सकों को भी पुनः नियुक्ति दिलाने का निर्देश भी देंगे I