देहरादून : जनपद के पूर्व जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव को दूसरी बार ई-गवर्नेंस के तहत नेशनल गोल्ड मेडल मिलेगा। वह उत्तराखंड के इंफारमेशन टेक्नोलाजी डेवलपमेंट अथारटी (आइटीडीए) के निदेशक एवं स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड के पूर्व सीईओ रह चुके है I यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 2020-21 में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के लिए मिला है।
बता दे कि उन्हें यह पुरस्कार उस समय के लिए दिया जा रहा है, जब वह स्मार्ट सिटी के सीईओ समेत जनपद देहरादून के जिलाधिकारी भी थे। उन्होंने उस समय न सिर्फ इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को स्थापित किया, बल्कि कईं विभाग के कार्य को इससे जोड़कर स्मार्ट बनाने का काम भी किया। अगले महीने की आठ जनवरी को हैदराबाद में उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पहले भी उन्हें एमडीडीए में लागू आनलाइन मैप अप्रूवल सिस्टम के लिए ई-गवर्नेंस पुरस्कार मिल चुका है।
वहीं, डा. श्रीवास्तव ने इस सफलता और सम्मान का श्रेय सभी कार्मिकों को दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग के बिना यह सब करना संभव नहीं था। उनका प्रयास आमजन को मिलने वाली सुविधाओं को लगातार और आसान व बेहतर बनाना है। साथ ही उन्होंने बताया कि यह कमांड सेंटर कोरोना काल के दौरान सरकार के लिए वरदान बना। कोरोना के समय पास जारी करने और इंटेलीजेंस कैमरों की मदद से यातायात को नियंत्रित करने व आनलाइन शिकायत आदि में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाईI
हर वर्ष भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक व लोक शिकायत विभाग की ओर से नेशनल अवार्ड फार ई-गवर्नेंस दिया जाता है। इस पुरस्कार की प्रक्रिया के बारे में डा. आशीष कुमार ने बताया कि पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार आवेदन को कई स्तर पर अपने विशेषज्ञों की कमेटी से जांच कराती है। चयनित आवेदक को केंद्रीय अपर सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की समिति के सामने प्रस्तुतीकरण देना होता है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर ने समस्त प्रक्रिया को सफलता पूर्वक पर किया और गोल्ड मेडल के लिए यह चयनित हुआ। पुरस्कार में ई-गवर्नेंस अवार्ड के साथ टीम को दो लाख की धनराशि भी मिलेगी। चयनित टीम में स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीइओ और टीम के लीडर रहे डा. आशीष श्रीवास्तव समेत तत्कालीन निदेशक आइटीडीए अमित सिन्हा, सीडीओ नितिका खंडेलवाल, डीजीएम आइटी राम उनियाल शामिल हैं।