कांग्रेस ने पण्डित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

धर्मनिरपेक्ष और आधुनिकि भारत की आधारशिला रखने में नेहरू का योगदान : हरीश रावत

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न, पं0 जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के अवसर पर रविवार को प्रदेशभर में पूर्व घोषित जनजागरण अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, में कांग्रेस के आला नेताओं सहित कार्यकर्ताओं ने पं. जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण के साथ पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद किया। इस दौरान भारत निर्माण में पण्डित जवाहर लाल नेहरू के योगदान विषय पर गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री व चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने पं. नेहरू के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए पण्डित जवाहर लाल नेहरू के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किये त्याग और योगदान को गर्व होना बताया। उन्होंने कहा कि नेहरु नेदप्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिकि भारत की जो आधारशिला रखने में योगदान दिया उसके लिए हम सब भारतवासी उन्हें कृतज्ञता से याद करते हुए नमन करते हैं।

कहा कि पं जवाहरलाल नेहरू जी के पंचशील के सिद्धांत आज भी पूरी दुनिया को शांति का संदेश देते हैं। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में समाजवादए लोकतंत्र व नियोजन का नया प्रयोग किया था जिससे पूरे विश्व में लोकतंत्र की बयार कोे नई दिशा मिली थी।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प. नेहरु ने सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत के औद्योगिक विकास की मजबूत नींव खड़ी की थी। आजाद भारत की मजबूत अर्थ व्यवस्था की बुनियाद उनके कुशल नेतृत्व व दूरदृष्टि व विकास की सोच के कारण ही पड़ पाई थी। पं. नेहरू ने पूरे विश्व में भारत के विकास का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया था। आज भी उन्हें पूरे विश्व में मिश्रित अर्थ व्यवस्था का जनक माना जाता है।

उन्होंने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू जी एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों तथा उनकी स्मृतियों को मिटाने के लिए कुछ शक्तियां जो इस समय सत्ता मद में चूर हैं, अनेकानेक कुत्सित प्रयास कर रही हैं हमें उनके इस कुप्रयास का जवाब देना है। कहा कि जो लोग आज भारत की राजनीति से कांग्रेस को मुक्त करने की बात कर रहे हैं उन्हें हिन्दुस्तान की जनता समय.समय पर जवाब दे रही है, एक समय वे भारत की राजनीति से स्वयं मुक्त हो जायेंगे।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता प. नेहरू बहुलतावादी समाज, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय तथा साझा समृद्धि के लिए राष्ट्र के संसाधनों पर समान अधिकार और अवसर के पक्षधर थे। उन्होंने भारत की एकता, सम्प्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने तथा विभाजनकारी विचारधारा की राजनैतिक शक्तियों का मुकाबला करने का मार्ग दिखाया तथा गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का सूत्रपात किया, व विश्व के राष्ट्रों में भारत के गौरव को बढ़ाकर विश्व नेतृत्व की भूमिका में खड़ा किया। हमे उनके दिखाये मार्ग पर चलकर साम्प्रदायिकता, घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने का काम करने वाली शक्तियों का डटकर मुकाबला करना है।
उन्होंने कहा कि पण्डित नेहरू के 12 विचार आज के भारत निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देते हैं। उन्होंने कहा था नागरिकता देश की सेवा में होती हैं। संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है। लोकतंत्र अच्छा है, मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि अन्य प्रणालियां इससे बदतर हैं। संकट में हर छोटी सी बात का महत्व होता है। तथ्य, तथ्य हैं और किसी की पसंद से गायब नहीं होते हैं। विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं। एक महान कार्य में लगन और कुशल पूर्वक काम करने पर भी, भले ही उसे तुरंत पहचान न मिले, अंतः सफल जरूर होता है।

लोगों की कला उनके मन का सही दर्पण है। एक पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाएए तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीब को और गरीब बना देती हैं। वह व्यक्ति जिसे वो सब मिल जाता है जो वो चाहता थाए वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में होता है। शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं तथा आप दीवार के चित्रों को बदल कर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने कहा था,
सब कुछ इंतजार कर सकता है पर खेती नहीं। परंतु केन्द्र की वर्तमान सरकार में देश के किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र रचा जा रहा है। भाजपा नीत सरकार तीन काले कृषि कानूनों के माध्यम से देश की हरित क्रांति को हराने की साजिश के साथ ही देश के अन्नदाता व भाग्य विधाता किसान तथा खेत मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षडयंत्र किया जा रहा है।

कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों में संख्याबल से संसदीय प्रणाली व प्रजातंत्र को धता बताते हुए किसान विरोधी तीन काले कानून पारित किए गए। आज देश भर में 62 करोड़ किसान.मजदूर व 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सरकार द्वारा अन्नदाता किसान की बात सुनना तो दूर, संसद में उनके नुमाईंदो की आवाज को दबाने तथा द्वारा सत्ता के बल पर सड़क पर आन्दोलनरत किसानों को गाडी से कुचल कर निर्मम हत्या जैसे जघन्य अपराध किये जा रहे हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वीपाल चैहान, प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी, महामंत्री नवीन जोशी, राजेन्द्र सिह भण्डारी, एआईसीसी प्रवक्ता जरिता लैतफलांग, डॉ0 आरण्पीण् रतूड़ी, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, सुरेन्द्र रांगड, गरिमा दसौनी, डॉ0 प्रतिमा सिंह, प्रदेश सचिव राजेश शर्मा, मंजुला तोमर, शांति रावत, प्रणीता बडोनी, आशा टम्टाए कमलेश रमन, श्याम सिंह चैहान, आचार्य नरेशानन्द नौटियाल, अनिल रावत, मनीष नागपाल, अश्वनी बहुगुणा, नागेश रतूड़ी, ललित भद्री, महेश जोशी, मोहन काला, सुलेमान अली, अमित भण्डारी, नीरज त्यागी, मनमोहन शर्मा, सावित्री थापा, बाला शर्मा, राजकुमार यादव, किशनपाल, पीयूष गौड इंदू सिंह, देवेन्द्र बिष्ट, आदि उपस्थित थे।

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