देहरादून: राज्य के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने मंगलवार को विधान सभा में उत्तराखण्ड बीज एवं तराई विकास निगम लि. के निदेशक मण्डल के साथ बैठक की। इस दौरान बीज एवं फसलों की सत्यापित प्रजातियों का जैविक बीज उत्पादन सहित उन्नत कृषि से जुड़े कई अन्य विषयों पर गंभीर चर्चा हुई बैठक में 186 कर्मियों के 2016 से 2021 तक के डीए का भुगतान करने का निर्णय भी लिया गया। यह निर्णय 1 करोड शुद्ध लाभांश का अवशेष 1 करोड 86 उपलब्ध है, इसकोे देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
इस मौके पर कुषि मंत्री सुबोध उनियाल ने निर्देश दिये कि स्थानीय फसलों की सत्यापित प्रजातियों का जैविक बीज उत्पादन कृषि विभाग के सहयोग से चिन्हित क्लस्टर्स में किया जाए। वहीं विभिन्न फर्मों पर टी.डी.सी. को प्राप्त होने वाली अवशेष धनराशि की वसूली हेतु प्रशासन के माध्यम से कार्यवाही की जाए।
इस दौरान जो निर्णय लिए गये उनमें राज्य की निजी बीज उत्पादक संस्थाओं के द्वारा उनकी आवश्यकता का 50 प्रतिशत आधारीय बीज, निगम से क्रय किया जाएगा। टी.डी.सी. द्वारा पन्तनगर विश्वविद्यालय एवं भरसार विश्वविद्यालय के सहयोग से पर्वतीय फसल प्रजातियों के बीज उत्पादित कर राज्य के कृषकों को उपलब्ध कराए जाऐंगे। बिजनेस एसोसिऐट के माध्यम से किए जाने वाले व्यवसाय में निगम के लाभांश में वृद्धि की जाएगी। टीडीसी की हालात को सुधारने के लिए सीड्स प्लान्टस के आधार सीड्स के 50 प्रतिशत को टीडीसी से लेना अनिवार्य कर दिया गया है। बिजनेस एसोशियेट से लेने वाले कमिशन में वृद्धि होगी। 33 हजार कुन्तल सीड्स को सब्सीडी के आधार टीडीसी से सहकारिता के माध्यम से कृषकों में वितरित किया जायेगा।
इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि गेहूँ प्रमाणित बीज की 33000 प्रति कु. मात्रा सहकारी समितियों, सहकारिता विभाग के माध्यम से विक्रय सुनिश्चित की जाएगी, जिसके लिए 1600 रुपये प्रति कुं. अनुदान की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इस हेतु राज्य सरकार के माध्यम से मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 400 रुपये प्रति कुं. अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराने हेतु भी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, प्रबन्ध निदेशक टीडीसी. जीवन सिंह नगन्याल, निदेशक कृषि गौरी शंकर, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।