देहरादून। मुख्य प्रभारी सूचना आयुक्त विवेक शर्मा द्वारा सूचना अधिकार भवन रिंग रोड सभागार में प्रेस वार्ता करते हुए आयोग की भविष्य की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर सूचना आयुक्त विपिन चंद्र एवं योगेश भटृ सहित सचिव सूचना आयोग अरविंद पांडे उपस्थित रहे।
प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विपिन शर्मा ने बताया कि राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सूचना आयोग आर.टी.आई. दिवस के मौके पर अनुरोध पत्रों का बेहतर निष्पादन करने के लिए पांच लोक सूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपील का प्रभावी निस्तारण करने वाले तीन अपीलीय अधिकारियों को पुरस्कृत करेगा।
लोक सूचना अधिकारियों को सूचना अधिकार के अंतर्गत आम जन के सूचना अनुरोध पत्रों के निस्तारण में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों से निपटने तथा अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देने के उद्देश्य से आयोग मुख्यालय में प्रत्येक माह विभागवार 2 कार्यशाला आयोजित की जायेंगी। आमजन में सूचना का अधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा लोकहित में उसका सदुपयोग किए जाने के उद्देश्य से आयोग विधि कॉलेजों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। इसी क्रम में आर.टी.आई. दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय वादकृविवाद प्रतियोगिता एवं परिचर्चा आयोजित की जायेगी। बताया कि प्रदेश में सूचना अधिकार को लेकर आम जनता में जागरूकता बढ़ाने तथा लोक सूचना अधिकारियों को दक्ष किए जाने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर उत्तराखंड बहुत बेहतर स्थिति में है। प्रदेश में कुल प्राप्त अनुरोध पत्रों में से मात्र 4 प्रतिशत प्रकरणों में ही अनुरोधकर्ताओं के द्वारा द्वितीय अपील / शिकायत की जा रही है। इसका आशय यह है कि लोक सूचना अधिकारियों और विभागीय अपीलीय अधिकारियों के द्वारा किये जा रहे निस्तारणों से सूचना अनुरोधकर्ता संतुष्ट हैं और उन्हें ससमय सूचना प्राप्त हो रही है। आयोग द्वारा नागरिकों को ऑनलाइन अनुरोध, प्रथम अपील, शिकायत और द्वितीय अपील किये जाने की सुविधा माह जनवरी, 2024 में प्रदान की गयी है जिसका सम्बंधित पक्षों द्वारा अपनी सुविधानुसार लाभ उठाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त आयोग में पंजीकृत शिकायत और द्वितीय अपील में पक्ष रखने हेतु अपीलकर्ताओं और शिकायतकर्ताओं के साथ ही विभागीय अधिकारियों को भी आयोग में आने की बाध्यता नहीं है। अपीलकर्ता/शिकायतकर्ता गूगल मीट अथवा फोन कॉल के माध्यम से (हाईब्रिड मोड) अपना पक्ष आयोग में रख सकते हैं। आयोग की वेबसाइट पर सभी पीठों में हाईब्रिड मोड के माध्यम से जुड़ने हेतु लिंक उपलब्ध कराये गये हैं। बताया कि 01.04.2023 से 31.03.2024 की अवधि में आयोग द्वारा कुल 6637 वादों की सुनवाई की गयी और 3960 वाद को निस्तारित किया गया है। 31. 07.2024 को आयोग में कुल 951 वाद सुनायी हेतु लंबित है।