देहरादून: वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा घोटाला में एसटीएफ की टीम जांच में लगी हुई हैं| इस बीच आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई हैं| जिससे वर्ष 2015 के बाद की कई परीक्षाएं सवालों के घेरे में आ गई हैं।
दरासल, आयोग के अधिकारियों ने परीक्षाएं कराने का जिम्मा जिस कंपनिय को दिया था उस कंपनी को मध्य प्रदेश सरकार ने सितंबर 2021 को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था।
बता दें, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा करने के लिए व्यवसायिक परीक्षा मंडल, मध्य प्रदेश के व्यापम की ब्लैकलिस्टेड कंपनी एनएसईआईटी लिमिटेड कंपनी को सोपा था। इस कंपनी को वन दरोगा की परीक्षा से एक महीने पहले सितंबर 2021 में ब्लैक लिस्ट किया गया था| इस कंपनी की तीन और परीक्षाओं की छह महीने पहले से जांच चल रही थी। बावजूद इसके आयोग ने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में जब जांच हुई तो पता चला कि परीक्षा केंद्रों पर पेपर को गलत तरीके से डाउनलोड कराया गया था। विस्तृत जांच में पाया गया था कि परीक्षा के लिए 10 फरवरी 2021 को दोपहर 1.30 बजे लॉग हुआ। पेपर डाउनलोड पीईबी यानी व्यापम के कंप्यूटर से नहीं बल्कि किसी और मशीन से हुआ फिर जमकर नकल हुई।
उन्होंने बताया कि इन तीनों परीक्षाओं में मध्य प्रदेश के तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थी बैठे थे। इसी तरह की गड़बड़ी वन दरोगा भर्ती परीक्षा में भी हुई है। कंपनी की भूमिका संदिग्ध है। इस मामले में जांच की जा रही है। अन्य प्रदेशों से भी इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। जांच के बाद इसमें और भी खुलासे हो सकते हैं।